Devuthani Ekadashi 2022 | इस ना करे ये गलती वरना यमराज का झेलना पड़ सकता है प्रकोप, यैसे लगाएं भक्ति में ध्यान होगी माँ लक्ष्मी प्रसन्न

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devuthani-ekadashi-2022Devuthani Ekadashi 2022. 4 नवंबर को देवउठनी एकादशी है जब विष्णु जी योगनिद्रा से जाग जाएंगे। शास्त्रों के अनुसार इस दिन कुछ ऐसे काम हैं जिन्हें गलती से भी नहीं करना चाहिए वरना यमराज का प्रकोप झेलना पड़ सकता है। देवउठनी एकादशी पर भगवान विष्णु पुणे सृष्टि का कार्यभार सँभालते है। शास्त्रों के अनुसार इस दिन तुलसी पत्र तोड़ना निषेध है। तुलसी श्री हरि विष्णु को अधिक प्रिय है। इस दिन देवी तुलसी और भगवान विष्णु के शालिग्राम रूप का विवाह हुआ था ऐसा करने पर विष्णुजी नाराज हो जाते हैं।

ये भोजन ग्रहण करने की गलती न करें
देवउठनी एकादशी पर भगवान विष्णु को निद्रा से जगाया जाता है और उसके बाद मांगलिक कार्य शुरू हो जाते हैं। इसलिए इस दिन दोपहर में सोना वर्जित है। शास्त्रों के अनुसार दिन का समय विष्णु की भक्ति में लगाएं और इससे माँ लक्ष्मी प्रसन्न होगी। देवोत्थान एकादशी पर तामसिक भोजन ग्रहण करने की गलती न करें। इससे माता लक्ष्मी रुष्ट हो जाती है और व्यक्ति कंगाली की कगार पर आ जाता है। लहसुन, प्याज, मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए।

यैसे सब्द बोलने से रूठ जाती है माँ लक्ष्मी
एकादशी का व्रत मोक्ष दिलाता है लेकिन इन नियमों का पालन ना करे तो यमराज की यातनाएं झेलनी पड़ती है। शास्त्रों में देवउठनी एकादशी के दिन चावल या उससे बनी चीजों के सेवन करने की मनाही है। मान्यता है कि इस दिन चावल खाने वाला व्यक्ति अगले जन्म में रेंगने वाले जीव की जन्म लेता है। व्रत का फल तभी मिलता है जब मन ईष्टदेव की भक्ति में लगा हो। इसलिए देवउठनी एकादशी पर विवाद की स्थिति से बचें। किसी का अनादर ना करे, अपशब्द न बोलें।

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