Heeraben death: जब 33 साल पहले पिता की मौत पर मोदी ने कुछ चौंका देने वाला किया

Heeraben death  ये ये तस्वीरें सबको चौंका रही है। अपनी माता जी (Heeraben death) को कंधा देने के चंद ही घंटों बाद प्रधानमंत्री मोदी एक कार्यक्रम में नजर आए। ना कार्यक्रम स्थगित करवाया ना अपना जाना कैंसल किया। वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग के जरिए ही सही अपनी उपस्थिति उन्होंने दर्ज करायी। इन तस्वीरों ने सबको हैरान कर दिया, लेकिन उससे भी ज्यादा हैरान करने वाली एक और बात है। द मोदी स्टोरी नाम के एक ट्विटर हैंडल ने एक वीडियो शेयर करते हुए ऐसी बात बताई। जो लोगों के दिल में घर कर गई तो मोदी स्टोरी के मुताबिक नरेंद्र मोदी के पिताजी जब चल बसे थे। तब भी मोदी उनका अंतिम संस्कार करने के ठीक बाद एक जरूरी मीटिंग में भाग लेने गए थे।

ये ट्वीट करते हुए मोदी स्टोरी ने लिखा, अपनी माता जी के अंतिम संस्कार के चंद ही घंटों बाद पीएम मोदी ने सभी पहले से शेड्यूल कार्यक्रम में भाग लिया। ऐसी ही घटना तब भी हुई जब 1989 में पिता की मौत के बाद मोदी मीटिंग करने पहुंचे। अहमदाबाद में एक विशेष बैठक थी। हम जब वहाँ पहुंचे तो स्वाभाविक रूप से पूछा। की नरेंद्र भाई आये नहीं, अभी तक तो हमको बताया गया की आज उनके पिता का देहांत हो गया है। तो वो वडनगर गए हैं तो हमने सोचा कि आज तो नहीं आ पाएंगे, लेकिन।दोपहर के समय नरेंद्र भाई तो आ गए तो हमको भी आश्चर्य लगाकि पिताजी का देहांत हुआ है और वो आ गए हैं।

दिलीप त्रिवेदी ने 1989 की घटना को याद करते हुए कहा कि अहमदाबाद में विशेष बैठक थी। जब पता लगा मोदी के पिता का देहांत हुआ है और वो वडनगर गए हैं तो लगा कि अब वो मीटिंग में नहीं आने वाले लेकिन हुआ कुछ और। वो मीटिंग विथ पहुँच गए। इससे सब लोग आश्चर्य में पड़ गए। बैठक के बाद जब उन्होंने मोदी जी से पूछा। सुनिए उन्होंने क्या कहा। बाद में जब बैठक की कार्यवाही पूरी हुई वैसे ही हम लोग मिले तो नरेंद्र भाई को सवाभाई कुछ भी। आज ही पिताजी का देहांत हुआ है और आप यहाँ आ गए। तो बोले हाँ, अंत्येष्टि का कार्यक्रम पूरा हो गया। ये अगत्या की बैठक थी। इसलिए मैं तो आ गया हूँ। क्योंकि हमको तो आगे काम करना है।

तो ये इससे एक बहुत बड़ी, एक प्रेरणा भी उस टाइम से हम को मिली और अपने पिताजी जैसे भी की देहांत के समय भी। कार्य के लिए कटिबद्धता। बट सभी कार्यकर्ताओं के लिए एक प्रेरणादायी। आज 33 साल बाद जब बड़ा गम का पहाड़ एक बार फिर टूटा तो भी 1989 की तरह काम को प्राथमिकता देते। वो नजर आए। बचपन में प्रधानमंत्री मोदी अपने पिता के साथ गुजरात के वडनगर रेलवे स्टेशन पर चाय बेचा करते थे। खुद पीएम मोदी ने इस बात की जानकारी साझा की थी। उन्होंने कहा था कि मैं अपने पिता की मदद के लिए रेलवे स्टेशन पर चाय बेचने में उनकी मदद करता था। पीएम मोदी के पिता दामोदरदास मोदी की एक चाय की दुकान गुजरात के वडनगर रेलवे स्टेशन पर थी।

उन्होंने बताया था की बचपन में पढ़ाई के बाद बचे समय में वो दुकान पर पिता का हाथ बंटाने पहुँच जाते थे। मोदी वडनगर रेलवे स्टेशन के साथ ही ट्रेनों में भी चाय बेचते थे। मोदी ने जब हीराबा के 100 जन्मदिन के मौके पर एक ब्लॉक लिखा था तब पहली बार अपने पिता दामोदर दास मोचंद्र मोदी का भी जिक्र किया था। इस ब्लॉग में पीएम मोदी ने पिता के एक करीबी दोस्त की बात करते हुए उनके बेटे अब्बास का जिक्र किया था। पीएम मोदी ने इस ब्लॉक में लिखा था कि दामोदरदास मूलचंद मोदी के करीबी दोस्त की असमय मौत के बाद पिता अब्बास को अपने घर ले आए थे।

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