Indian Railways: ट्रेनों का सफर हुआ अब और भी महंगा ! 130 ट्रेनों का बढ़ाया गया किराया, जाने कितने रूपये बढ़ा ट्रेन का किराया ?
हालांकि इन सभी ट्रेनों में खानपान, यात्री, सुरक्षा अथवा सुविधाओं में किसी भी प्रकार की वृद्धि नहीं की गई है। इसमें एक पैसा खर्च किए बगैर रेलवे नेसभी श्रेणियों में किराया बढ़ा दिया है। रेल नियम के मुताबिक 56 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार पर चलने वाली ट्रेनों को टाइमटेबल में सुपरफास्ट का दर्जा दे दिया जाता है। जानकारों का कहना है कि भारतीय रेल 45 साल से ट्रेनों की औसत रफ्तार बढ़ाने में विफल रही है। इसमें चार दशक से मेल एक्सप्रेस ट्रेनों की औसत रफ्तार 50 से 58 किलोमीटर प्रति घंटा है, जबकि रेलवे की प्रीमियम राजधानी, शताब्दी, दूरंतो, ट्रेनों की औसत रफ्तार70 से 85 किलोमीटर प्रति घंटा है। करीब 15 से 20 फीसदी ट्रेनें कभी भी निर्धारित टाइम पर अपने डेस्टिनेशन तक नहीं पहुंचतीं। करीब 60 फीसदी ट्रेनें 15-20 मिनट देरी से पहुंचती है।
रेलवे के नए टाइम टेबल 2022-23 में बड़ी संख्या में पैसेंजर ट्रेन को मेल एक्सप्रेस का दर्जा दे दिया गया है। इसका सीधा मतलब ये है की लाखों डेली पैसेंजर इन ट्रेनों में सफर नहीं कर सकेंगे। क्योंकि बढ़ा हुआ किरायाउन्हें ऐसा करने से रोक लेगा। इतना ही नहीं बिना टिकट के सफर करने पर किराया व जुर्माना दोनों लिया जाएगा। इसके अलावा मेल एक्सप्रेस ट्रेनों में बेसिक किराये के अलावा रिजर्वेशन चार्ज, सुपरफास्ट चार्ज समेत जीएसटी भी लगाया जाता है। उदाहरण के लिए टाइम टेबल 2022 -23 में दिल्ली भटिंडा ट्रेन संख्या 20,409 पैसेंजर ट्रेन को मेल एक्सप्रेस का दर्जा दिया गया है। इसकी दूरी 298 किलोमीटर है।
वहीरेल नियम के मुताबिक 325 किलोमीटर तक पैसेंजर ट्रेन चलाई जाती है। इतना ही नहीं इस ट्रेन को सुपरफास्ट का भी दर्जा दिया गया है।दिल्ली सहारनपुर ट्रेन संख्या 20,411 को पैसेन्जर से मेल एक्सप्रेस का दर्जा दिया गया है, जबकि दिल्ली से सहारनपुर की दूरी 181 किलोमीटर है। नए टाइमटेबल में मेरठ, श्रीगंगानगर दिल्ली संख्या 14,030 ट्रेन चलायी गयी है। 588 किलोमीटर की दूरी में ट्रेन के 84 स्टॉपेज है।पहला स्टॉपेज मेरठ रेलवे स्टेशन के बाद चार किलोमीटर दूर परतापुर स्टेशन पर है। इससे ट्रेन 588 किलोमीटर की दूरी तय करने में 17 घंटे से ज्यादा समय लेती है और इसकी औसत रफ्तार 35 किलोमीटर प्रति घंटा रह जाती है।