Karnataka Hijab Row: कर्नाटक के शिक्षण संस्थानों में हिजाब पर प्रतिबंध को लेकर सुप्रीम कोर्ट आज सुनाएगा फैसला
जवाब में राज्य सरकार ने कहा कि स्कूल कॉलेज में अनुशासन बनाए रखना जरूरी है। कुछ मुस्लिम छात्राओं ने राज्य सरकार के इस फैसले को 5 फरवरी 2022 को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दायर की गई थी। सुप्रीम कोर्ट में दोनों पक्षों ने अपनी बात रखी थी। अब सबकी निगाहें सुप्रीम कोर्ट के फैसले की तरफ है। इससे पहले राज्य सरकार की तरफ सेसॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता, कर्नाटक के एडवोकेट जनरल प्रभुलिंग के नवादागी और एडिशनल सॉलिसिटर जनरल केएम नटराज ने बहस की थी।
उन्होंने कहा था कि 2021 तक सभी छात्र यूनिफॉर्म का पालन कर रहे थे। 2022 में हिजाब को लेकर अभियान चलाया गया। जब मुस्लिम लड़कियों ने हिजाब पहनकर स्कूल आना शुरू किया तो जवाब में हिंदू छात्र भगवा गमछा पहनकर आने लगे। सरकार ने स्कूलों में अनुशासन कायम करने के लिए यूनिफॉर्म के पालन का आदेश दिया है। सरकार ने यह भी कहा है कि यूनिफॉर्म शिक्षण संस्थान तय करते हैं राज्य सरकार नहीं इसलिए ये नहीं कहा जा सकता है कि किसी भी कपड़े को पहनने पर राज्य सरकार ने रोक लगाई। सरकार सिर्फ यही चाहती है कि छात्रों के बीच एकता और सद्भावना रहे और स्कूलों में अनुशासित माहौल में पढ़ाई हो सके।