Pakistan: पाकिस्तान आर्थिक संकट, पाकिस्तान पेट्रोल की कीमत में वृद्धि, पीएम शहबाज शरीफ कर्ज है पर

Pakistanपाकिस्तान (Pakistan) की अर्थव्यवस्था अपने बेहद ही बुरे दौर से गुजर रही है। वहाँ के हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष भी पाकिस्तान की मदद करने के लिए राजी नहीं हो रहा। यही वजह है कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की शर्तों के आगे झुकते हुए पाकिस्तान सरकार ने पेट्रोल की कीमतों में बेतहाशा इजाफा किया है। पाकिस्तान किसी भी स्थिति में आईएमएफ से लोन हासिल करना चाहता है और इसके लिए सरकार अब एक मिनी बजट भी लेकर आई है। शहबाज शरीफ की सरकार ने देश में पेट्रोल की कीमत में ₹22 से ज्यादा की बढ़ोतरी की है, जिसके बाद पेट्रोल की कीमत ₹272 प्रति लीटर हो गई। वित्त विभाग की तरफ से बुधवार को जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में इसकी जानकारी दी गई है। पाकिस्तान सरकार की पेट्रोल की कीमत में बेतहाशा इजाफा की घोषणा करते ही देश के पेट्रोल पंपों पर लोगों की लंबी लंबी कतारें लगनी शुरू हो गई थी।

कीमत बढ़ने से पहले लोग ज्यादा से ज्यादा तेल खरीद लेना चाहते थे। इतना ही नहीं आईएमएफ को खुश करने के लिए शहबाज शरीफ की सरकार मिनी बजट भी पेश किया है ताकि वो अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष से 1.1 अरब डॉलर के कर्ज की नई किस्त हासिल कर सकें। आपको बता दें कि पाकिस्तान में इस वक्त पेट्रोल के दाम में ₹22.20 की बढ़ोतरी की गई है, जिसके बाद शाहबाज शरीफ सरकार के इस फैसले से पाकिस्तान में पेट्रोल की कीमत ₹272 प्रति लीटर हो गई। इसके साथ ही हाई स्पीड डीजल की कीमत ₹17.20 प्रति लीटर की बढ़ोतरी के बाद ₹280 प्रति लीटर हो गई है। मिट्टी का तेल ₹12.90 रुपए की बढ़ोतरी के बाद अब ₹202.73 प्रति लीटर पर उपलब्ध होगा। बताया गया है की नई कीमतें बीती रात 12:00 बजे से ही लागू की जा चुकी है। पेट्रोलियम उत्पादों की कीमत में वृद्धि आईएमएफ की प्रमुख शर्तों में से एक थी। पाकिस्तान में पहले से ही पेट्रोल, डीजल के दाम रिकॉर्ड उच्च स्तर पर है।

मूड ऐनैलिटिक्स से जुड़ी वरीष्ठ अर्थशास्त्री कैटरीना एल ने भविष्यवाणी की थी कि पाकिस्तान में मुद्रास्फीति 2023 की पहली छमाही में कम होने से पहले औसतन 33 फीसदी हो सकती है। उन्होंने ये भी कहा था कि अकेले आईएमएफ का राहत पैकेज पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को पटरी पर नहीं ला सकता। पाकिस्तान के वित्त और राजस्व मंत्री इशाक दार ने बुधवार को नेशनल असेंबली और सीनेट में वित्त विधेयक 23 यानी की मिनी बजट पेश किया है, जिसका मकसद सरकार को आईएमएफ की शर्तों को पूरा करना है ताकि 1.1 अरब डॉलर की नई किस्त हासिल की जा सके। इसमें मिनी बजट के जरिये सरकार ने देश की जनता पर 170 अरब रुपए का नया टैक्स लगाने की योजना बनाई है। इस मिनी बजट में सरकार ने कई तरह के प्रस्ताव भी रखे हैं, जिनमें जीएसटी को 17 फीसदी से बढ़ाकर 25 फीसदी करना शामिल है।

इसके अलावा फ्लाइट में फर्स्ट क्लास, बिज़नेस टिकट में 50 फीसदी की बढ़ोतरी, मैरिज हॉल पर 10 फीसदी अतिरिक्त टैक्स, हर तरह के सॉफ्ट ड्रिंक पर अतिरिक्त टैक्स शामिल हैं। वहीं मिनी बजट में खाने के सामान जैसे गेहूं, चावल, दूध, दाल, सब्जी, फल, मछली, अंडा और मांस पर टैक्स नहीं लगाने का प्रावधान किया गया। आपको बता दे मिनी बजट के माध्यम से पाकिस्तान क्रिटिक मूवमेंट के नेतृत्व वाली सरकार बजट घाटे को कम करना और अपने टैक्स संग्रह को बढ़ाना चाहती है। पाकिस्तान वर्तमान में गंभीर आर्थिक संकट की चपेट में खबरों की मानें तो उसका विदेशी मुद्रा भंडार तीन बिलियन डॉलर से भी कम हो चुका है। सरकार 170 अरब रुपए इकट्ठा करने के लिए जनता पर नए कर लागू कर चुकी है। इतना सब करके भी उसे आईएमएफ से सिर्फ 1.1 अरब डॉलर ही मिलेंगे, जो फिलहाल पाकिस्तान के लिए काफी नहीं है।

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