सुप्रीम कोर्ट ने लिया एतिहासिक फैसला : महिला विवाहित हो या अविवाहित सुरक्षित और कानूनी गर्भपात कराने का है अधिकार, देखे रिपोर्ट
अभी तक देश में कई बार ऐसा हुआ कि अनमैरिड लड़कियों के गर्भपात के मामले कोर्ट में पहुंचे।इसके अलावा दुष्कर्म की शिकार अनमैरिड लड़कियों को भी गर्भपात कराने के लिए बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ता था। इसके अलावा जो लड़कियां विवाह से पहले ना चाहते हुए भी प्रेग्नेंट हो जाती थी, उन्हें भी एक लंबे प्रोसीज़र से गुजरना पड़ता था या फिर अवैध तरीकों का सहारा लेना पड़ता था। लेकिन अब ऐसा ना हो इसलिए सुप्रीम कोर्ट ने इस ऐक्ट में संशोधन करते हुए महिलाओं के पक्ष में एक बड़ा और ऐतिहासिक फैसला दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अविवाहित महिला को 20 से 24 सप्ताह के गर्भ को गर्भपात कराने का अधिकार है। भारत में गर्भपात कानून के तहत विवाहित और अविवाहित महिलाओं में भेद नहीं किया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने विवाहित और अविवाहित महिलाओं के बीच गर्भपात के अधिकार को मिटाते हुए अपने फैसले में कहा है कि मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी ऐक्ट से अविवाहित महिलाओं को लिव इन रिलेशनशिप से बाहर करना असंवैधानिक है।