Income Tax Free Sikkim: इस राज्य में आयकर नहीं लगता है, यह सिर्फ एक शर्त है
जिसकी वजह से इन राज्यों के बाहरी निवासी चाहे कई सालों से ही वहाँ क्यों ना रह रहे हो, वहाँ ना तो संपत्ति खरीद सकते हैं। और ना ही किसी तरह की जमीन। ये रूल सिक्किम के लिए तो लागू है ही, यहाँ आयकर अधिनियम 1961 की धारा 1026 ट्रिपल ए के तहत इनकम टैक्स से छूट दिया गया। इसका मतलब यही हुआ कि इस राज्य के लोगों को अपनी आमदनी पर टैक्स नहीं देना पड़ता है। हाँ, इसके लिए बस एक शर्त है। यह छूट केवल यहाँ के मूल निवासियों के लिए ही लागू है। पर आखिर ऐसा हुआ कैसे? इसको जानने के लिए इतिहास के पन्नों को पलटना होगा। दरअसल ऐसा माना जाता है कि सिक्किम राज्य 1642 में बना था, फिर 1950 में भारत सिक्किम शांति समझौते के तहत सिक्किम भारत का हिस्सा बन गया था। बाद में 1975 में पूरी तरह से इसका भारत में विलय हो गया था।
उस वक्त सिक्किम के राजा जिन्होंने 1947 में सिक्किम इनकम टैक्स मैनुअल जारी किया था। इस मैनुअल में भारत में सिक्किम में विलय के लिए कई शर्तों में एक शर्त इनकम टैक्स को लेकर भी थी, जिसमें सिक्किम के मूल निवासियों के लिए इनकम टैक्स से पूरी तरह छूट देना शामिल था। जिसको बाद में इसे भारतीय आयकर अधिनियम की धारा 1026 ट्रिपल ए में जोड़ा गया। हालांकि ये मामला सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे तक भी पहुँच चुका है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले के मुताबिक इस राज्य के तकरीबन 95% लोग इस छूट के दायरे में आ गए। हालांकि पहले यह छूट केवल सिक्किम सब्जेक्ट सर्टिफिकेट रखने वालों को फिर उनकी अगली पीढ़ियों को ही दी जाती थी, लेकिन बाद में इसे 26 अप्रैल 1975 यानी सिक्किम में भारत में विलय से 1 दिन पहले तक सिक्किम में रहने वाले लोगों के लिए कर दिया गया।
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