मानव विकाश सूची की रिपोर्ट जारी : भारत रैंकिंग में आई है भारी गिरावट, कई क्षेत्रों में पिछड़ा देश, भारत की औसत आयु में कमी
2019 में भारत का एचडीआई मान 0.645 था जो 2021 में 0.633 तक आ गया। इसके लिए औसत आयु में गिरावट को कारण माना जा रहा है।भारत में औसत आयु 69.7 वर्ष से घटकर 67.2 वर्ष हो गई है। रिपोर्ट जिन मानको के आधार पर तैयार की जाती है उनमें एक मुद्दा स्कूली शिक्षा का भी है। भारत में स्कूली शिक्षा के औसत वर्ष 6.7 है जबकि इसे 11.9 वर्ष होना चाहिए। स्वास्थ्य, शिक्षा और औसत आय के आधार पर मानव विकास सूचकांक में 2020 और 2021 में गिरावट दर्ज की गई, जबकि इससे पहले के पांच सालों में काफी विकास हुआ।भारत की मौजूदा रैंकिंग को वैश्विक स्तर पर हुई गिरावट के मुताबिक बताया गया है। मौजूदा रैंकिंग को लेकर कहा जा रहा है कि 32 सालों में पहली बार दुनिया भर में मानव विकास ठहर सा गया है।
वैश्विक स्तर पर इंसान की औसत आयु में भी गिरावट दर्ज हुई है। 2019 में यह 72.8 वर्ष थी जो घटकर 2021 में 71.4 वर्ष हो गई है। ह्यूमन डिवेलपमेंट इंडेक्स में नेपाल और पाकिस्तान को छोड़कर भारत बाकी पड़ोसी देशों से पीछे चल रहा है।इस सूची में श्रीलंका 73, जिन 79, भूटान 127, बांग्लादेश 129, नेपाल 143 और पाकिस्तान 161 वें स्थान पर है। इसके पहले मई में वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम इंडेक्स यानी की विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक की रिपोर्ट जारी की गई थी, जिसमें भारत की रैंकिंग 142 से खिसककर 150 वें स्थान पर आ गई थी। रिपोर्टर्स विदआउट बॉर्डर्स नामक की संस्था ने ये रिपोर्ट जारी की थी।
हालांकि नेपाल को छोड़कर भारत के बाकी पड़ोसी देशों की रैंकिंग में गिरावट देखी गई थी।कल 180 देशों की रैंकिंग में पाकिस्तान 157, श्रीलंका 140, बांग्लादेश 162 और म्यांमार 176 वें स्थान पर रहा था। नेपाल की स्थिति बेहतर बताई गई थी। वे 76 वें स्थान पर बताया गया था, 2021 के वर्ल्ड हंगर इंडेक्स में 116 देशों को शामिल किया गया था, जिनमें भारत का स्थान 101 वा रहा। यह रिपोर्ट पिछले साल अक्टूबर में जारी की गई थी। इस रिपोर्ट में पड़ोसी देश पाकिस्तान, बांग्लादेश और नेपाल भारत से आगे बताए गए थे। वहीं 2020 में वैश्विक सूचकांक में भारत 107 देशों में 94 में स्थान पर था।