Shardiya Navratri 2022: नवरात्रि में क्यों जलाई जाती है अखंड ज्योति ? जानें क्या है इसका महत्व और सही नियम
भक्ति और शक्ति की आराधना का महापर्व नवरात्रि 26 सितंबर से शुरू होने जा रहा है। देशभर में नवरात्रि का त्यौहार बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस मौके पर बाजारों में खूब रौनक देखने को मिलती है। आसपास का सारा माहौल नवरात्रि के दिनों में भक्तिमय हो जाता है। यूं तो घरों में प्रातः देव पूजन और संध्या के समय दीपक जलाया ही जाता है, किंतु नवरात्रि और अन्य प्रमुख अफसरों जैसे माता का जागरण चौकी, रामचरित मानस का अखंड पाठ में अखंड ज्योति जलाई जाती है। हर कोई जानता है कि अटूट प्रकाश भक्ति के क्षेत्र में बहुत महत्वपूर्ण स्थान है। अखंड ज्योति का मतलब ऐसी ज्योति जो खंडित ना हो। अखंड जोत निरंतर जलती रहनी चाहिए।
नवरात्रि के दौरान अखंड जोत का बुझना अशुभ माना जाता है। जहाँ भी ये ज्योति जलाई जाती है वहाँ इस के समक्ष हर व्यक्ति को किसी न किसी समय उपस्थित रहना ही पड़ता है। मान्यताओं के अनुसार माँ के सामने अखंड ज्योति जलाने से उस घर में हमेशा से माँ की कृपा रहती है।नवरात्रि में अखंड दीप जलाना स्वास्थ्य के लिए भी अच्छा होता है। आपको ये भी बता दें कि इसकी महक से इंसान की श्वास और नर्वस सिस्टम बढ़िया रहता है। नवरात्रि में अखंड दीप जलाने से माँ कभी अपने भक्तों से नाराज नहीं होती।
नवरात्र में अखंड ज्योति से पूजा स्थल पर कभी भी बुरी चीजों का साया नहीं पड़ता। नवरात्रि में घी या तेल का अखंड दीप जलाने से दिमाग में कभी भी नकारात्मक सोच हावी नहीं होती और मन हमेशा खुश और शांत रहता है। घर में सुगंध दीपक की महेक मन शांत रखती है।इसके चलते घर में झगड़े नहीं होते और वातावरण शांत रहता है। मान्यता है कि अखंड दीपक जलाकर पूजा करने से पुण्यफल की प्राप्ति होती हैऔर मां दुर्गा का आशीर्वाद पूरे परिवार पर बना रहता हैं। बहुत से लोग अटूट प्रकाश को प्रज्वलित करते हैं, लेकिन कुछ चीजों पर ध्यान नहीं देने के कारण, उन्हें इस पुण्य कार्य का पूरा परिणाम नहीं मिलता है।
आइए आपको बताते हैं कि अखंड ज्योति जलाने के क्या नियम हैं। इस बात का खास ख्याल रखें कि अखंड ज्योति जमीन के बजायकिसी लकड़ी की चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर रखें। ज्योति को रखने से पहले इसके नीचे अष्टदल बनाना भुने अखंड ज्योति को गंदे हाथों से भूलकर भी ना छुएं। अखंड ज्योति को कभी अकेले या पीठ दिखाकर नहीं जाए। अखंड ज्योति जलाने के लिए शुद्ध देसी घी का प्रयोग करें। आप चाहें तो तिल का तेल या फिर सरसों का तेल भी इस्तेमाल कर सकते हैं। अगर आप घर में अखंड ज्योति की देखभाल नहीं कर सकते तो आप किसी मंदिर में देसी घी अखंड ज्योति के लिए दान करें।
अखंड ज्योति के लिए रुई की जगह कलावे का इस्तेमाल करें। कलावे की लंबाई इतनी हो कि ज्योति नौ दिनों तक बिना बुझे जलती रहे। अखंड ज्योति जलाते समय माँ दुर्गा, शिव और गणेश को ध्यान में रखें और ओम जयंती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी। दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोस्तु ते का जाप करें। अखंड ज्योति को माँ दुर्गा के दाईं ओर रखा जाना चाहिए।अगर दीपक में सरसों का तेल है तो देवी के बाईं ओर रखें। ख्याल रखें कि नवरात्रि समाप्त होने पर इसे स्वयं ही समाप्त होने दे, कभी भी बुझाने का प्रयास ना करे। उम्मीद करते है कि आप अखंड जोत जलाने का महत्त्व तो समझ ही गए होंगे और साथ ही नियम भी जान गए होंगे। नवरात्रि में माँ दुर्गा की कृपा आप पर बनी रहे।