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जलती रही चिता चीखता रहा राजू का परिवार : बिच सफर में अपनी पत्नी का साथ छोड़गए राजू, एक पल भी नहीं रुका पत्नी का आंशु

hindi-newsवादा तो सात जन्मों तक साथ निभाने का किया था तो फिर इतनी जल्दी साथ छोड़ कर क्यों चले गए? ये सवाल राजू श्रीवास्तव की पत्नी के जेहन में बार बार घूम रहा है। निगम बोध घाट पर राजू को अंतिम विदाई देने पहुंचे उनकी पत्नी शिखा के एक पल भी आंसू नहीं रुके। उनकी निगाहें टकटकी बांधकर मृत्युशैया पर लेटे राजू पट्टी की थी माँ ने उनको भरोसा था कि राजू अभी उठ खड़े होंगे और खिलखिलाकर कहेंगे कि मैं तो मजाक कर रहा था। बार बार वो मुड़ मुड़कर राजू को निहार रही थी।उनके कदम डगमगा रहे थे।

चेहरे पर कभी न खत्म होने वाला दुख साफ झलक रहा था। पूरी दुनिया को हंसाने वाला आज सबको रुला कर चला गया। जिंदगी के हर हालात में शिखा राजू के साथ पिलर बनकर खड़ी रही हर ठोकर पर शिखा ने राजू को सँभाला, राजू शिखा से बेपनाह प्यार किया करते थे। साल 1993 में ही दोनों की शादी हुई थी। महज 29 साल का साथ निभा कर राजू धोखा देकर चले गए। शिखा के कंधों पर दो बच्चों की जिम्मेदारी भी छोड़ गए। हालांकि राजू ने धन दौलत इतना इकट्ठा कर दी कि शिखा दोनों हाथों से लुटाए तब भी खत्म ना हो, लेकिन राजू हर पल यही वादा किया करते थे कि जिंदगीभर साथ निभाऊंगा।

लेकिन आधे सफर पर राजू ने शिखा का साथ छोड़ दिया। घाट पर सबकी निगाहें फूट फूटकर रोती शिखा पर टिकी थी। उनके आंसुओं को देखकर लोगों की आँखों से भी आंसू डबडबा रहे थे। अस्पताल में भर्ती राजू के लिए शिखा ने ईश्वर से लाख दुआएं की। कभी मंदिर तो कभी गुरुद्वारा तो कभी पीर पर चादर चढ़ाकर राजू की सलामती के लिए दुआ की।लेकिन शिखा से ज्यादा ईश्वर को राजू प्यारे थे सो हंसाने के लिए उन्हें स्वर्ग बुला लिया। शिखा की तो ज़िन्दगी सूनी हो गई है। अब उनके आगे सिर्फ बच्चों का सहारा है।

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