गौतम अडानी कैसे बने दुनिया के दूसरे सबसे अमीर ? किन चीजों का करते है बिज़नेस : कितनी है अडानी की संपत्ति ? जानिए इस रिपोर्ट में
गौतम अडानी इन्होंने वो कर दिखाया जिसकी उम्मीद किसी को नहीं थी। भारत के बाहर शायद ही कुछ लोग ऐसे होंगे जिन्होंने कुछ साल पहले गौतम अडाणी के बारे में सुना हो लेकिन आज उस इंडियन बिज़नेस मैन से हर कोई वाकिफ है। अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी नहीं दुनिया के टॉप अरबपतियों की लिस्ट में दूसरे नंबर पर पहुँच चूके हैं। उन्होंने दूसरे नंबर की स्थिति फोर्ब्स और ब्लूमबर्ग दोनों की रैंकिंग में और मजबूत कर ली। ब्लूमबर्ग की रैंकिंग में गौतम अडानी जेफ़ बेज़ोस को पछाड़कर दूसरे नंबर पर काबिज हुए हैं।अब सवाल उठना लाजमी है की भैया अडानी ने ऐसा क्या जादुई खेल खेला कि ये मुमकिन हो सका? 17 दिन पहले जहाँ अदानी दुनिया के तीसरे सबसे बड़े अमीर कारोबारी थे, वो कैसे इतनी जल्दी सेकंड रैंक पर आ गए?
हुआ यूं कि दो लोगों ने बहुत पैसे गंवा दिए हैं, जिनके नाम हैं एलिमस और जेली । इन्होंने 13 सितंबर को भारी संख्या में अपने संपत्ति बेच दिए और इसी चक्कर में अडाणी को एकदम बम बम कर दिया और नंबर दो की पोज़ीशन पर वो काबिज हो गए।गौतम अडानी जो एक कॉलेज ड्रॉपआउट है रातों रात ये शोहरत हासिल नहीं थी। आइए समझते हैं कैसे अडानी की स्टेप बाइ स्टेप लैनिंग में उन्हें दुनिया के सक्सेसफुल बिजनेसमैन के पेहरिस्त में लाकर खड़ा कर दिया। 1994 में भारत के सबसे बड़े कोयला व्यापारी और खनन ठेकेदार बनके होगी तो 1995 वे में गुजरात में मुद्रा पोर्ट स्थापित करने का जनादेश ही था। 1998 में अदानी पोर्ट्स और स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन कीस्थापना की गयी अडानी विलमर की स्थापना 1999 और सिंगापुर की कंपनी विलमर का ज्वाइन बेंचेर है। इस विलमर का फॉर्च्यूनर आज हर घर की रसोई का ज़ायका बढ़ा रहा है।
2001 में अडानी ने सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन में एंट्री मारी तो वहीं 2005 में अदानी ने भारत का पहला माइन डेवलपर और ऑपरेटर का कॉन्ट्रैक्ट जीता। 2009 में अडानी पावर भारत का सबसे बड़ा प्राइवेट थर्मल पावर प्रोड्यूसर बनकर सामने आया। अपने व्यापार को भारत तक सीमित ना रखते हुए अडानी ने ऑस्ट्रेलिया में भी अपने पैर पसारे और कारमाइकल कोयला खदान अपने नाम कर लिया। 2017 में ही सोलर पैनल्स के निर्माण में प्रवेश किया और आज अदानी सोलर बेस का सबसे बड़ा सोलर सेल्फ मैनुफैक्चर बन गया। 2020 में अडानी ग्रुप ने एअरपोर्ट के बिज़नेस में कदम रखा और देखते ही देखते छे हवाई अड्डों पर भी काबिज हो गए।2021 कोरोना संकट के बावजूद 142 दिनों में अडानी की संपत्ति में करीब 2,00,000 करोड़ रुपये का उछाल रहा। यानी अदानी ने इस साल हर घंटे ₹75,00,00,000 से ज्यादा कमाए।
1 साल पहले यानी अप्रैल 2020 में गौतम अडानी की नेटवर्क 64,000 करोड़ रुपये थी। अब आप पूछेंगे कि 42 साल पहले अपने कारोबारी सफर की शुरुआत करने वाले गौतम अडानी के कारोबार में पिछले 1 साल में इतना उछाल कैसे आया? अडानी ग्रुप की कंपनियों की वैल्यू कीक्या वजह ? ग्रुप ने इस ग्रोथ के लिए क्या स्ट्रैटिजी अपनाएं और इसे कैसे लागू किया? सभी सवालों को परत दर परत समझने की कोशिश करते हैं। दरअसल गौतम अडानी की नेटवर्क में उछाल की सबसे बड़ी वजह अडानी ग्रुप की लिस्टेड कंपनियों के शेयरों में बंपर तेजी रही है। अडानी ग्रुप की छे कंपनियां बाजार में लिस्टेड है। मई 2020 में इन कंपनियों का मार्केट कैप ₹1.45,00,00,000 था, जो अब बढ़कर करीब 8.37,00,000 करोड़ रुपये पहुँच गया है।
ये किसी से नहीं छुपा कि अडानी ने ज्यादातर ऐसे कारोबार को चुना जिसे सरकार बढ़ावा दे रही है और इनमें कॉम्पिटिशन भी कम है। ये मोदी सरकार के विजन से भी मेल खाता है। आइए ग्रुप के कुछ अहम फैसलों पर नजर डालते।अडानी एनर्जी एसबी एनर्जी इंडिया खरीद चुकी है। भारत में रिन्यूएबल एनर्जी का अभी तक ये सबसे बड़ी डील है। यह कहना गलत नहीं होगा कि अडानी भारत में इनफ्रास्ट्रक्चर के किंग बन चूके हैं। खदानों, बंदरगाहों और बिजली प्लांट से लेकर हवाई अड्डों, डेटा सेंटर, एग्री बिज़नेस, रियल एस्टेट, फाइनैंशल सर्विस और डिफेन्स सेक्टर में लगातार उपलब्धियां हासिल कर रहे हैं। एक समय ऐसा था कि अडानी ने अपने लिए मारुति 800 बड़ी मुश्किलों से खरीदी थी, लेकिन आज उनके घर के बाहर दुनिया की सबसे महंगी गाड़ियों की लाइन लगी हुई
क्या बीएमडब्ल्यू क्या फर्रारी और क्या ही हेलिकॉप्टर ।