छत्तीसगढ़

Shardiya Navratri: नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा से मिलता है विशेष लाभ ! देखिये कैसे करे माँ की पूजा और क्या होगा लाभ ?

bhakti-newsआज शारदीय नवरात्र का दूसरा दिन है और इस दिन माँ के दूसरे स्वरूप यानी की ब्रह्मचारिणी की पूजा अर्चना की जाती है। माँ ब्रह्मचारिणी के नाम में ही उनकी शक्ति की महिमा का वर्णन मिलता है। ब्रह्म का अर्थ होता है तपस्या और चालनी का अर्थ होता है आचरण करने वाली। माता के स्वरूप की पूजा करने से ताप, त्याग, संयम, सदाचार आदि की वृद्धि होती है।माँ ब्रह्मचारिणी सृष्टि में ऊर्जा के प्रवाह, कार्य कुशलता और आंतरिक शक्ति में विस्तार की जननी है। ब्रह्मचारिणी इस लोक के समस्त चर और अचर जगत के विद्या का ज्ञान मिलता है। मा ब्रह्मचारिणी की पूजा अर्चना करने से भक्तों की हर मुराद पूरी होती है और उन्हें समस्त विद्या का ज्ञान मिलता है।

ब्रह्मचारिणी का स्वरूप बहुत ही सादा और भव्य है।अन्य देवीयों की तुलना में वह क्रोध रहित है और वरदान देने वाली देवी हैं। नवरात्र के दूसरे दिन माँ ब्रह्मचारिणी की आराधना करते हैं तो इस रिपोर्ट में हम आपको आगे बताते हैं कि माँ की पूजा कैसे करनी चाहिए।माँ दुर्गा के दूसरे स्वरूप ब्रह्मचारिणी की पूजा शास्त्रीय विधि से की जाती है। सुबह शुभ मुहूर्त में माँ दुर्गा की उपासना करें और माँ की पूजा में पीले या सफेद रंग के वस्त्र का उपयोग करें।माता का सबसे पहले पंचामृत बनाएं। इसके बाद रोली,अक्षत,चंदन आदि उन्हें अर्पित करें।

माँ ब्रह्मचारिणी की पूजा में कमल के फूल अर्पित किए जाते हैं। माँ को दूध से बनी चीजें बेहद पसंद है इसलिए भक्तों को उन्हें दूध से बनी चीजों का भोग लगाना चाहिए।फिर कलश, देवता और नवग्रह की पूजा करनी चाहिए। इसके बाद माँ का पाठ करना चाहिए और सच्चे मन से माँ के जयकारे लगाने चाहिए।माता ब्रह्मचारिणी की पूजा करना बहुत ही सरल है, उससे भी सरल है उनको प्रसन्न करना। माँ ब्रह्मचारिणी को सच्ची श्रद्धा से अगर बुलाया जाए तो वो तुरंत आती है। माँ दुर्गा का यह स्वरूप अनंत फल देने वाला है। हम उम्मीद करते हैं कि इस नवरात्र में आप की हर इच्छा पूरी होगी।

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