महिला क्रिकेट टीम के दिग्गज खिलाडी ने कहा क्रिकेट को अलविदा ! फुट-फुट कर रोने लगे सभी खिलाडी : हुआ महिला क्रिकेट के एक युग का अंत
झूलन के लिए टीम की कप्तान हरमनप्रीत कौर ने भी एक खास मैसेज दिया क्योंकि जब दोनों मैदान पर थी तब कप्तान ने झूलन को गले लगा लिया और वो फूट फूटकर रोने लगीं। तस्वीरें आपके सामने है। इसके अलावा हरमनप्रीत कौर झूलन को टॉस के वक्त भी अपने साथ ले गई।चकदा एक्सप्रेस के नाम से झूलन को जाना जाता था। भारतीय टीम की ओर से स्मृति चिन्ह भी उन्हें भेंट किया गया। झूलन की विदाई पर पूरी टीम इमोशनल दिखी। हरमनप्रीत ने झूलन की ही कप्तानी में डेब्यू किया था। ऐसे में उनका झूलन की जाने पर इमोशनल होना भी लाजमी था। सभी खिलाड़ियों ने झूलन के साथ अपनी मीठी यादों को साझा किया और झूलन को भावुक विदाई दी।
झूलन गोस्वामी भारतीय टीम का वो नाम है जिसने लगभग 20 साल के लंबे कैरिअर में सिर्फ परफॉर्मेंस पर भरोसा किया। क्रिकेट के रास्ते में कई बाधाएं आईं लेकिन झूलन ने हार नहीं मानी और सिर्फ क्रिकेट पर ही फोकस किया। यही वजह है कि इंग्लैंड टीम ने भी झूलन को भारतीय टीम के साथ गार्ड ऑफ ऑनर दिया।झूलन गोस्वामी ने 6 जनवरी 2002 को इंटरनेशनल डेब्यू किया था। 20 साल में 283 मुकाबले खेले और उनके नाम 353 विकेट हैं। वुमेन्स वनडे वर्ल्ड कप में सबसे अधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज भी झूलन गोस्वामी है। झूलन ने 34 वर्ल्ड कप मैचों में 43 विकेट लिए हैं। अपने इंटरनेशनल करियर में झूलन गोस्वामी ने 1924 रन बनाए हैं।
इसमें तीन 50 शामिल हैं, जिसमें दो अर्धशतक टेस्ट में जबकि एक वनडे में आया है जो भारत के लिए आखिरी टी 20 मुकाबला 2018 में और आखिरी टेस्ट मैच अक्टूबर 2021 में खेला था। झूलन के नाम 44टेस्ट विकेट 255 वनडे और 56 टी 20 विकेट हैं। झूलन का जन्म 25 नवंबर 1982 में नदिया बंगाल में हुआ था।झूलन के योगदान को क्रिकेट में हमेशा याद किया जाएगा। पूर्व कप्तान मिताली राज़ के संन्यास लेने के बाद इंडियन वुमन क्रिकेट के टीम में सिर्फ पिछली जेनरेशन की एकमात्र खिलाड़ी झूलन रह गई थी, लेकिन अब उन्होंने भी क्रिकेट को अलविदा कह दिया है।
साल 1997 से देखा था क्रिकेटर बनने का सपना झूलन ने बताया था कि 1997 वर्ल्ड कप फाइनल में ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के मैच को देखने के लिए मैदान में 90,000 दर्शक मौजूद थे। यहीं से उन्होंने क्रिकेट में करियर बनाने का फैसला किया। उस वक्त झूलन गोस्वामी बॉल गर्ल थी और फाइनल के बाद उन्होंने ठान लिया कि वो एक क्रिकेट पर ही बनेगी।बता दें कि साल 2015 में बीसीसीआई ने चार खिलाड़ियों को हाइग्रेड सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट दिया था, जिसमें झूलन 1 थी।खैर कभी ना कभी क्रिकेट को 22 गज की पट्टी को छोड़ना पड़ता है और वैसा ही झूलन के साथ हुआ। अब झूलन ने क्रिकेट के मैदान को छोड़ दिया है और उम्मीद करते हैं कि जो महिला क्रिकेट को उन्होंने योगदान दिया उसको हमेशा याद रखा जाएगा। देखना होगा कि टीम इंडिया की अगली झूलन गोस्वामी कौन होती है।
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